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Showing posts from February, 2022

आम्लपित्ताच्या विकारावर गुणकारी असणाऱ्या खरबूजाचे ८ फायदे

   शरीरातील रोगप्रतिकारक शक्ती वाढवायची असेल तर आहारात पालेभाज्यांपासून ते फळांपर्यंत प्रत्येक घटकाचा समावेश केला आहे. पालेभाज्या, कडधान्य यांच्याप्रमाणेच फळांमध्येदेखील असे काही गुणधर्म असतात जे शरीरासाठी फायदेशीर आहेत. त्यामुळेच बऱ्याचदा अशक्तपणा आल्यावर डॉक्टर काही ठराविक फळे खाण्याचा सल्ला देतात. साधारणपणे सफरचंद, चिकू, केळी, द्राक्ष ही फळे सर्रास घरात असल्याचं पाहायला मिळतं. परंतु, या फळाव्यतिरिक्त खरबूज हे फळदेखील तितकंच गुणकारी आहे. त्यामुळे आहारात खरबूजाचा समावेश नक्कीच करायला हवा. खरबूज खाण्याचे फायदे १. खरबूजमध्ये शीत गुणधर्म आहेत. त्यामुळे उष्णतेचे विकार होत असल्यास खरबूज खावं. २. उन्हाळ्यात प्रक्रिया केलेले शीतपेय पिण्याऐवजी खरबूजाच्या रसाचे सेवन करावे. त्यामुळे शरीराला थंडावा मिळतो. ३. खरबूज हे जुनाट मलावस्तंभ या आजारावर उपयुक्त आहे. खरबूज सेवनाने आतड्यातील घट्ट मळ पुढे सरकण्यास मदत होते. ४.अतिसार, आमांश या विकारांमध्ये खरबूज खाणे लाभदायक ठरते. ५. खरबूजामुळे शरीरातील पाण्याची कमतरता भरुन निघते. ६. आम्लपित्ताच्या विकारावर गुणकारी. ७. वजन वाढविण्यास मदत होते. ८. पचनक्रिया सु

इन्टरनेट का मालिक कौन

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  आज के टाइम मै इन्टरनेट के बिना एक दिन भीं गुजारना बोहत ही मुश्किल हो गया है इन्टरनेट बंद हो गया तो  ऐसा लगेगा की इन्टरनेट के बिना हम अकेले पड़ गए है इसका मतलब इन्टरनेट हमारी आदत बन चूका है  असल मै इन्टरनेट का मालिक है कौन ? इससे पहले हम जानते है की इन्टरनेट कैसे चलता है  आप सोचते होंगे की इन्टरनेट स्याटलाइट से चलता है  तो आप पूरी तरह से गलत है क्यु की दोस्तों अगर हम बात करते पूरी दुनिया मै इन्टरनेट को चलाने की तो इसे  चलाने के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल का उपयोग होता है यह  पूरी दुनिया का ९९% इन्टरनेट  केबल के जरिये ही  चलता यह केबल समन्दर के मै बिछाई गई है  है बचा १% हम स्याटलाइट का उसे करते है और इन्टरनेट इसी के वजह से चलता यह  केबल पूरी दुनिया मै बिछाये हुए है और इसी से इन्टरनेट चलता है और  इसका कोई भी मालिक नहीं है  आज दुनिया बोहत आधुनिक हो चुकी है और कई सालो का सफ़र इन्सान अब कुछ ही घंटो मै तै कर रहा है आसान कोमुनिकेशन के मदत से दुनिया की देशो की आर्थिक स्थिति बोहत ही आगे जा रही है इसका सारा श्रेय आज हम इन्टरनेट को दे सकते है आज जो काम हमको कई दशको मै नहीं कर सकते थे वो काम हम कुछ साल

सर्दी / जुकाम

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  हेलो दोस्तों आज हम जानने वाले है सर्दी के बरे में कुछ अनसुनी जानकर तो चलो जानते है  जब तापमान मै बदलाव होता है तो आपको बुखार होता है सबको होता है लेकिन इसके पीछे की जानकारी आज जानते है हमने स्कूल मै पढ़ा है की बाहर का तापमान कितना भी बदले लेकिन अपने शरीर का तापमान कभी नहीं बदलता तो चलो जानते है की अपने शरीर का तापमान कितना होता है  अपने शरीर का तापमान साधारणता ३७ डिगरी से.यानि ९८.६ फॉर हा. इतना ही रहता है  इतना ही रहता है  दिनभर मै ये तापमान १ डिगरी घटता बढ़ता  है लेकिन ये तापमान ३८ डी से बढ़ता है तो हमें लगाने लगता है कुछ अजीब . सर मै दर्द होना, उलटी होना , आँखों मै जलन जिसे हम जानते है बुखार  वैसे मानवी शरीर ४४ डी से इंटरनल बॉडी टेम्प्रेचार होने पर मर जाता है तो हम अब जान चुके होंगे की ३८ डी से ज्यादा  तापमान होने को हम  बुखार कहते है सर्दियों का मोसम आ चूका है और हम अपने डॉक्टर के पास सर्दी के एंटी बायोटिक लेने पोहच जाते है जब की हमें इसकी जरुरत भी नहीं होती सर्दी होने के करन हमें बोहत सारी तकलीफे सेहन करनी पड़ती है और आम तौर पर जाना जाता है की सर्दी होने का मूल कारन ठंड से है किन्तु

खुप काही दडलयं..

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  या फोटो मध्ये खुप काही दडलयं...जी स्त्री चांभारासोबत बसलीये ती स्त्री चालत असलेल्या स्त्री पेक्षा कित्येक पट श्रेष्ठ आहे .पण तिला आपल्या देशाची विक्रुती माहिती नाही जी तिच्या देशात अस्तीत्वात नाही. ती विदेशी महीला आपल्या देशातल्या स्त्री पेक्षा कित्येक पटीनं श्रीमंत आणि उच्च विचारसरणीची आहे...पण तीला कल्पना नाही कि ती असं त्या व्यक्तीच्या पातळीला बसुन स्वतःला अत्यत खालचा दर्शाधारी म्हणून स्वतःला दर्शवत आहे....पण ती स्री फक्त स्वतः ला ग्राहक म्हणूनच त्या माणससोबत व्यवहार करतीये.. कदाचित म्हणून च हे देश आपल्या देशापेक्षा कित्येक दशकं पुढे आहेत...आणि निरंतर राहणार...

जीवन के बाद

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              जीवन शरीर के साथ ऐसे ही नहीं जुड़ता है ये एक प्रक्रिया से होता है दो छोटे छोटे सेल जुड़ते है फिर एक मांस का गोला बनता है सभी लोग मोत से परिचित है ,  हमारे आसपास मृत्य घटती रहती है और कभी कभी अपनी आँखों के सामने ही, लेकिन इंसानों की केस मै हम इसे मानने से डरते है|              इसे हमारे दिमाग मै एक सवाल उठा होगा की मरने बाद हमारे शरीर का क्या होता है मानवता की , सुरवात से अब तक १०० अरब से ज्यादा लोग मर चुके है ,चाहे वो अपने पालतू जानवर हो या अपने पडोसी या कोई अनपे खुद दुनिया मै हर मिनट १०० लोगो की मृतु होती है उसके बाद शरीर का क्या होता है ? जिसने भी इस धरती पे जनम लिया उसे एक न एक दिन मृत्यु  को गले लगाना है यह इस संसार का सबसे बड़ा नियम और सत्य है हम सब सोचते रहते है आखिर मृत्यु के बाद क्या होता है अभितक सारे विद्न्यानिक अपने अपने स्तर पर इसका जवाब खोजने मै लगे है और थोड़ी से ही सही पर कुछ जानकारी वो जूता पाए है मोत की नजदीकी और अनुभव शरीर के बहार आने बाद का अभ्यास किया गया है जिसमे उन्होंने देखा की इन्सान की मृत्यु के बाद दिमाग बदं हो जाता है पर उसकी चेतना जरी रहते है ज्याद

फ़ोन का अविष्कार कब और कैसे बना

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नमस्ते दोस्तों      हम आज मोबाइल फ़ोन से जुडी बोहत ही प्यारी बाते जानने जा रहे है जो की हम मोबाइल फोन का उपयोग करते है लकिन हमको उसके बारे मै पता नहीं है   २१ वि सदी मै टेक्नोलॉजी इतनी विकसित हो गई है उसकी मदत से हम मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से हम facebook ,wattsapp,tweeter,gmail  आदि के उपयोग से हम आने घर मित्र  और ऑफिस से जुड़े रहते है लकिन आपको  पता है की सबसे पहला मोबाइल फोंर कब और कहा बना था ,और इसे बनाबे वाले व्यक्ति कोन थे ?   विश्व का पहला फ़ोन अलेक्ज्हंदर ग्राहम्बेल उनका जन्म ३ मार्च १८४७ को schotland मै हुवा था वो अपने इस खोज के लिए प्रचलित है उनके इस अविष्कार ने दुनिया को बदल दिया था ,उनकी माँ और पत्नी दोनों बहरी थी जिस वजह से उन्हें ध्वनि विज्ञान यानि sound of science  मे बोहत रूचि थी . टेलीग्राफ तार के उपयोग से ध्वनि के सिग्नल को भेजा जा सकता है इस लिए उन्होंने इसपर शोध सुरु कर दिया इस कार्य के लिए उन्होंने अपने साथ थॉमस वाटसन को रखा जिसने टेलीफोन की खोज मै उनकी बोहत मदत की ,१० मार्च १८७६  को बेल अपने कमरे मै और उनका सहायक वाटसन उपरी मंजिल पर अपना काम कर रहे थे बोहत दिनों स

Natraj

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  Natraj नमस्ते दोस्तों  आज हम नटराज के स्वरुप का रहस्य जानने की कोशिश करने वाले है . नटराज भारतीय प्रसिद्ध मूर्ति कला प्रतिक है , आज जिसे भी नृत्य से प्यार है वो अपना नृत्य नटराज की मूर्ति को प्रणाम करके ही सुरु करता है. नटराज जिनको हम नृत्य का स्वामी भी कहते है . उनकी सम्पूर्ण आकृति ॐ के तरह दिखती है ये इस बात को दर्शाती है की ॐ शिव मै हीं नित है . वैसे ही शिव नटराज कला के आधार बताये गए है  भगवन शिव के तांडव के दो स्वरुप है . प्राचीन आचार्य के मतानुसार शव के आनंद तांडव से पृथ्वी अस्तित्व मे अति है और उनके रूद्र तांडव मै श्रुष्टि का विलय हो जाता है   आज तक हमको उनके रौद्र तांडव का ही पता था की जो वो अपने क्रोध मै करते है  लेकिन उनका दूसरा तांडव भी है आनंद प्रदान करने वाला आनंद तांडव जिसे हम नटराज कहते है  उनकी मुद्रा कलाकृति को कई हिन्दू ग्रंथो मै वर्णित किया गया है .उनकी मूर्ति को साधारणता कस्य से बनाया जाती है लेकिन कई जगह पर उनकी मूर्ति पत्थर से बने देखि गयी है जैसे की एलोरो की गुफा मै जो महाराष्ट्र मे है . नटराज को कोसमिक डांस भी कहा जाता कोसमिक यानी ब्रम्हांड की उर्जा जो की उ