इन्टरनेट का मालिक कौन

 


आज के टाइम मै इन्टरनेट के बिना एक दिन भीं गुजारना बोहत ही मुश्किल हो गया है इन्टरनेट बंद हो गया तो  ऐसा लगेगा की इन्टरनेट के बिना हम अकेले पड़ गए है इसका मतलब इन्टरनेट हमारी आदत बन चूका है 
असल मै इन्टरनेट का मालिक है कौन ?
इससे पहले हम जानते है की इन्टरनेट कैसे चलता है 

आप सोचते होंगे की इन्टरनेट स्याटलाइट से चलता है  तो आप पूरी तरह से गलत है क्यु की दोस्तों अगर हम बात करते पूरी दुनिया मै इन्टरनेट को चलाने की तो इसे  चलाने के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल का उपयोग होता है यह  पूरी दुनिया का ९९% इन्टरनेट  केबल के जरिये ही  चलता यह केबल समन्दर के मै बिछाई गई है
 है बचा १% हम स्याटलाइट का उसे करते है और इन्टरनेट इसी के वजह से चलता यह  केबल पूरी दुनिया मै बिछाये हुए है और इसी से इन्टरनेट चलता है और इसका कोई भी मालिक नहीं है 
आज दुनिया बोहत आधुनिक हो चुकी है और कई सालो का सफ़र इन्सान अब कुछ ही घंटो मै तै कर रहा है
आसान कोमुनिकेशन के मदत से दुनिया की देशो की आर्थिक स्थिति बोहत ही आगे जा रही है
इसका सारा श्रेय आज हम इन्टरनेट को दे सकते है आज जो काम हमको कई दशको मै नहीं कर सकते थे वो काम हम कुछ सालो मै कर पा रहे है इन्सान इतना होशियार होकर भी इन्सान को एक दुसरे से संपर्क करना बोहत ही मुश्किल भरा था और वैद्यानिको द्वारा बोहत सी ऐसे रचनाये है जिसकी वजह से दुनिया का नकशा बदला लेकिन सबसे अलग एक ऐसी रचना भी हुई जिससे दुनिया का रुख ही बदल गया
   वो है इन्टरनेट
  इस आधुनिक नेटवर्क की सुरवात १९६२ मै हुई थी जेसिया लिक लीडर ने एक संस्था बनाई जिसको उन्होंने DARPA(डिफेन्स एडवांस रेचेर्च प्रोजेक्ट  एजंसी) नाम दिया .
  इस संस्था के द्वारा लिक लीडर ने एक और नेटवर्क बनाया जिसे इन्होने इंनटेग्लेटिक  नेटवर्क नाम दिया जिसका इक ही मकसद था की सारी दुनिया को एक दुसरे से जोड़ना
साल १९७४ मै दो अधोकारी विन कर्फ़ और बॉब कर्फ़ ने मिलकर टी सी पी यानि TRANMITION CONTROL PROTOCALL बनाया और इंनटेग्लेटिक नेटवर्क का नाम बदलकर इंटरनेट रख दिया लेकिन इन्टरनेट बनाने के बावजूद भी एक कंप्यूटर को दुसरे कंप्यूटर से जोड़ना मुमकिन यानि संभव  नहीं था
साल १९७६ डॉ रोबर्ट मिल्कफ ने अथनेट  कोकसेल केबल बनाया जसके जरिये कई  सारे कंप्यूटर एक दुसरे से कनेक्ट कर सकते थे और एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर मै डाटा ट्रान्सफ़र भी कर सकते थे
जिसे डॉ रोबर्ट ने एक पर्टिकुलर  नाम दिया लोकल एरिया नेटवर्क
इसके बाद १९८३  विन कर्फ़ और बॉब कर्फ़ ने DARPA को लोकल नेटवर्क मै बदल दिया और इसके साथ उन्होंने इप ip यानि इन्टरनेट प्रोटोकॉल बनाया जिसकी वजह से कंप्यूटर की उनिक id हो गई और इसके जरिये कोई भी मशीन इन्टरनेट को एक्सेस कर सकती थी अब तक इन्टरनेट सिर्फ डाटा ट्रांस्फेरिंग ,कैलकुलेटर,2d गेमिंग के लिए ही उसे होता था १९८४ मै डॉ .पोस्टल ने डोमेन बनाया जिसे हम .com , .org, .in  इस नाम से जानते है
इसके जरिये webside बनती थी
और इसके बाद webside बनने लगी लेकिन ये साइड सिर्फ शहरो तक ही सिमित थी
   साल १०८९ मै विन कर्फ़ और बॉब कर्फ़ ने इन्टरनेट को कोमेर्सिलीज कर ISP इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइड बनाई और दुनिया मै इन्टरनेट को आम करना सुरु कर दिया इससे पहले इन्टरनेट सिर्फ डिफेंस और गवर्नमेंट तक ही सिमित था
इस सर्विस को डाइलअप इन्टरनेट कहा जाता था इसके बाद १९९१ स्टिम्स बर्नली जो की एक साइनस्टीस्ट थे उन्होंने WWW. WOLD WIDE WEB बनाया जिसके जरिये webside अस्सेस करना मुमकिन सारी दुनिया मै मुमकिन हो गया









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