जीवन के बाद
जीवन शरीर के साथ ऐसे ही नहीं जुड़ता है ये एक प्रक्रिया से होता है दो छोटे छोटे सेल जुड़ते है फिर एक मांस का गोला बनता है
सभी लोग मोत से परिचित है , हमारे आसपास मृत्य घटती रहती है और कभी कभी अपनी आँखों के सामने ही, लेकिन इंसानों की केस मै हम इसे मानने से डरते है|
इसे हमारे दिमाग मै एक सवाल उठा होगा की मरने बाद हमारे शरीर का क्या होता है
मानवता की , सुरवात से अब तक १०० अरब से ज्यादा लोग मर चुके है ,चाहे वो अपने पालतू जानवर हो या अपने पडोसी या कोई अनपे खुद दुनिया मै हर मिनट १०० लोगो की मृतु होती है उसके बाद शरीर का क्या होता है ? जिसने भी इस धरती पे जनम लिया उसे एक न एक दिन मृत्यु को गले लगाना है यह इस संसार का सबसे बड़ा नियम और सत्य है हम सब सोचते रहते है आखिर मृत्यु के बाद क्या होता है अभितक सारे विद्न्यानिक अपने अपने स्तर पर इसका जवाब खोजने मै लगे है और थोड़ी से ही सही पर कुछ जानकारी वो जूता पाए है मोत की नजदीकी और अनुभव शरीर के बहार आने बाद का अभ्यास किया गया है जिसमे उन्होंने देखा की इन्सान की मृत्यु के बाद दिमाग बदं हो जाता है पर उसकी चेतना जरी रहते है ज्यादातर दिल की धड़कन बंद हो जाने के बाद बीस से तिस सेकेंड मै दिमाग बंद हो जाता है|
तो असल मै मरने से कुछ सेकेंड बाद शरीर सारी ओक्सीजन शरीर के बहार निकल जाती है और शरीर सड़ने से कुछ समय पहले कई चरणों से गुजरता है|
दिल के काम न करने से शरीर का सारा खून निचले भाग मै जमा हो जाता है और जिस अंग मै खून जमा हुवा है उन अंगो का रंग फीका पड जाता है मरते समय शरीर की मांस पेशीया ढीली पड़ जाती है और कुछ समय बाद अकड़ जाती है, ये अकड़ मासं पेशियों मै धीरे धीरे फैलती है
फिर सड़ने की प्रक्रिया शुरू होती है जिसमे कीड़े और ब्याक्टेरिया शरीर को नष्ट करना शुरू करते है ये सड़ने की प्रक्रिया शुरू करते है|
हवा के संपर्क मै आने वाला शरीर पानी के संपर्क से दो गुना ज्यादा जल्दी सड़ता है
और दफ़न किया हुवा शरीर आठ गुना तेजीसे सड़ता है| मरने से पहले ही आदमी को पूर्व सूचना मिल जाती है मान्यता और काल्पनिक मनगधन और छुटी होती है लकिन समय समय पर इस दुनिया मै कुछ ऐसे रत्नों और महापुरुष योगियोंने जनम लिया है जिन्होंने अपने जीवन कल मै ही इस रहस्य को सुलझाया है ऐसे मै योगी पुरुष समाधी के उच्च स्तर पर पोहच समय के बंधन से मुक्त हो गए है इससे वे ये जान गए की मृत्य से पहले जीवन क्या था और जीवन के बाद क्या है भले कोई कितना भी जी ले उसे मरना ही होता है इस सच से हम भले भाती अवगत है|
गीता के उपदेशो मै भगवान श्री कृष्ण कहते है की आत्मा अमर होती है| उसका अंत नहीं होता वह शरीर रूपी वस्त्र बदलती है| गरुड़ पूरण के अनुसार जब आत्मा शरीर छोड़ती है उसे यम लेने आते है मानव अपने जीवन मै जो कर्म करता है उसके अनुसार मरने वाला सज्जन है पुण्य आत्मा है उसके प्राण निकले मै कोई पीड़ा नहीं होती है लकिन अगर वो पापि और दुराचारी हो तो उसको पीड़ा सहनी पड़ती है| आत्महत्या करने के बाद क्या होता है| प्रत्येक व्यक्ति को संसार से प्रकृति से एक आयु मिली हुई है उस आयु से पहले अगर किसी व्यक्ति की हत्या आत्महत्या बीमारी दुर्घटना मृतु हो जाती है उसे अकाल मृत्य कहते है शाश्रो मै आत्महत्या करना अपराध माना गया है आत्महत्या करने से ईस्वर का अपमान माना गया है| जो व्यक्ति आत्महत्या करता है वो मृत्यु के उपरांत तुरंत ही अ निछित कल के लिए भटकता रहता है
to be continued
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