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Showing posts from April, 2023

गड किल्ल्याच्या बांधकामात मळलेल्या चुन्याचे महत्व.मळलेला चुना तयार करणे

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गड किल्ल्याच्या बांधकामात मळलेल्या चुन्याचे महत्व. मळलेला चुना तयार करणे सध्याच्या आधुनिक बांधकाम तंत्रज्ञानामध्ये रेडी मिक्सर हा महत्वाचा घटक आहे. स्टील, सिमेंट, वाळू, खडी, पाणी यांचे मिश्रण वापरले जाते. असे साहित्य वापरूनही इमारती पडलेल्या कोसळलेल्या आपण पाहतो. तीनचारशे वर्षापूर्वी आपल्या पूर्वजांनी बांधलेली बांधकामे आजही कशीकाय शाबूत आहेत. आपले पूर्वज बांधकामशास्त्रात किती प्रगत होते यावरून लक्षात येते. चुना हे पूर्वीच्याकाळी बांधकाम साहित्य म्हणून वापरत असत. अलीकडील बांधकाम पद्धतीमध्ये  चुन्याचा वापर होताना दिसत नाही. त्याएवजी सिमेंट वापरले जाते. चुना पर्यावरणपूरक टिकाऊ मजबूत असल्याने व तो गावोगावी चुनखडीच्या शेतात सहज मिळत असल्याने त्याचा पूर्वीच्या काळी वापर होत असे. बांधकामातील महत्वाचा घटक म्हणजे दगडाचे व विटांचे सांधे भरण्यासाठी लागणारा चुना. तो कसा बनवला जात असे तो पाहुयात. जिथे चुनखडीचे दगड किंवा चुनखडीची जमीन असते तेथील गाव शिवारातून चुन्याचे दगड गोळा करून मोठ्या भट्टीत चुन्याचे दगड भाजले जात असत. अशा भाजलेल्या चुन्याचे खडे पाण्यात टाकले की फसफसून   चुन्याचे खडे

ellora

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Aerial view of Kailasha Temple at Ellora, Maharashtra, India. It's only structure in the World that is craved from the top to bottom. A megalith carved from a rock cliff face, it is considered one of the most remarkable cave Temples in the world because of its size, architecture and sculptural treatment.

The Mystery of the Shell Grotto

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The Mystery of the Shell Grotto There exists a mystifying place in England, a subterranean world of man-made tunnels and passageways completely covered in sea shells. An estimated 4.6 million of them adorn the walls, ceilings and altar in an array of artistic patterns and abstract symbols. There exists no historical information on the Shell Grotto’s origins, purpose or age. There isn’t even any local folklore. But many historians believe what we are looking at could be thousands of years old. School headmaster James Newlove and his son Joshua were clearing land in the seaside town of Margate, Kent, in 1835 when a cap stone was moved resulting in a deep hole opening up in the earth. Armed with a lamp and tied to a rope, story has it that young Joshua was lowered down by his dad for a closer look. And so goes the first known account of what would soon become known as the Shell Grotto. Gaining popularity, the site became a tourist attraction in the Victorian era where oddities

हजारा राम मंदिर, हम्पी, कर्नाटक, भारत के अंदरूनी भाग

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हजारा राम मंदिर, हम्पी, कर्नाटक, भारत के अंदरूनी भाग  हजारा राम मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के प्राचीन शहर हम्पी में स्थित एक भव्य मंदिर है।  यह 15वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल के दौरान बनाया गया था और यह भगवान राम को समर्पित है।  मंदिर अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है जो इसकी दीवारों और स्तंभों को सुशोभित करता है।  जैसे ही कोई मंदिर में प्रवेश करता है, सबसे पहली चीज जो आंख को पकड़ती है वह है आश्चर्यजनक स्तंभों वाला हॉल या मंडप।  मंडप खूबसूरती से नक्काशीदार स्तंभों द्वारा समर्थित है जो देवी-देवताओं, संगीतकारों, नर्तकियों और अन्य पौराणिक प्राणियों की जटिल नक्काशी से सजाए गए हैं।  मंडप की छत कमल के फूलों की नक्काशी और अन्य पुष्प डिजाइनों से सुशोभित है।  मंदिर का मुख्य मंदिर आंतरिक गर्भगृह में स्थित है, जो एक प्रदक्षिणा पथ से घिरा हुआ है।  आंतरिक गर्भगृह की दीवारों को भगवान राम की महाकाव्य कहानी रामायण के दृश्यों की नक्काशी से सजाया गया है।  नक्काशी इतनी बारीकी से की गई है कि कोई भी पात्रों के चेहरों पर भाव और उनके कपड़ों पर जटिल पैटर्

रायसेन का किला, मध्य प्रदेश। 11 Dec 2022

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रायसेन का किला, मध्य प्रदेश। 11 Dec 2022 प्राचीन काल से ही भारत, एक हिन्दू राष्ट्र रहा है और यहाँ के वीर हिन्दू शासकों की वीरता और उनके बलिदान की गाथाएँ भारतीय इतिहास में अमर हैं। वक़्त के साथ देश में राजाओं और रजवाड़ों का युग तो समाप्त हो गया परन्तु उनके द्वारा बनाये गए गढ़, किले आज भी उनके वजूद की यादों को समेटे हुए हैं। भारत वर्ष में अधिकांश किले ऊँची पहाड़ियों पर निर्मित होते थे, जिससे शत्रु सेना आसानी से किले तक ना पहुँच सके और दूसरी ओर किले के समतल स्थान की अपेक्षा ऊंचाई पर होने का एक कारण यह भी था कि किलेदारों को बहुत दूर से ही शत्रु सेना के आने का पता चल जाता था जिससे उन्हें युद्ध की तैयारी के लिए उचित समय मिल जाता था। ऐसा ही एक किला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 45 किमी दूर रायसेन के नाम से एक पहाड़ी पर स्थित है जिसका भारतीय इतिहास में विशेष महत्त्व है।  रायसेन के किले का निर्माण कब हुआ, यह कह पाना संभव नहीं है किन्तु ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर इसका निर्माणकाल 12 वीं शताब्दी के मध्य ज्ञात होता है। सल्तनतकाल के दौरान पूर्व में इस पर मांडू के शासकों को अधिकार रहा और